Amazing facts of tortoise

कछुआ पृथ्वी पर बहुत पहले से पाया जाता है Amazing facts of tortoise जानकर हैरानी होगी कि कछुआ डायनासोर से भी पहले पृथ्वी पर मौजूद था, इसका मतलब है कछुआ जब से पृथ्वी पर मौजूद है जब पृथ्वी पर इंसानों की बात तो छोड़िये, डायनासोर भी पृथ्वी पर नहीं आये थे। आज इस पोस्ट में हम आपको Amazing facts of tortoise बताने जा रहे हैं।
हिन्दू धर्म में कछुए को घर में पालना बहुत ही शुभ माना गया है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तो भगवन विष्णु ने कच्छप अवतार लिया था यानी कछुए के रूप में अवतार लिया था इसलिए ही हिन्दू धर्म में कछुए को घर में पालना बहुत शुभ माना गया है और कछुओं को लम्बी उम्र भी भगवन विष्णु के द्वारा प्राप्त हुई है।
1- बहुत पुराना जीव है कछुआ, धरती पर

अगर हम कछुओं को धरती पर पाए जाने वाले जीवित जीवों में सबसे पुराना जीव कहें तो ये गलत नहीं होगा क्योंकि कछुए धरती पर लगभग २० करोड़ साल से रह रहे हैं। वैज्ञानिकों को कछुए का सबसे पुराना जीवाश्म जो अब तक प्राप्त हुआ है वह लगभग १५ करोड़ साल पुराना है।
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2- Tortoise और Turtle में अंतर

ज्यादातर लोग tortoise और turtle दोनों को एक ही समझते हैं ये एक Amazing facts of tortoise लेकिन हम आपको बता दें दोनों के बीच अंतर होता है और वह अंतर ये है tortoise तो अपना ज्यादातर समय पानी के बाहर धरती पर ही बिताते हैं लेकिन turtle इसके विपरीत अपना ज्यादातर समय पानी में ही बिताते हैं केवल अंडे देने पानी से बाहर आते हैं।
3- क्या खाता है कछुआ

प्रजाति के आधार पर कछुआ सर्वाहारी और मांसाहारी दोनों ही होता है यानी वह मांसाहारी भी होता है और शाकाहारी भी। झीलों और समुद्र में पाए जाने वाले कछुए समुद्री जीवों को खातें हैं जैसे – मछली,घोंघे और क्रेफिश जैसी छोटे जीव। लेकिन पालतू कछुओं को समुद्री जीव खाने को नहीं मिल पाते हैं तो वह मक्का ,मटर, गाजर, बीट, सब्जियों को खाकर अपना जीवन गुजारते हैं। प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए इन्हें बाजार में तैयार केंचुए, उबले अंडे, घोंघे और मिटवॉर्म खिलाये जाते हैं।
4- कछुए की प्रजातियाँ

कछुए की अलग-अलग प्रजातियाँ पृथ्वी और समुद्र पर जाई जाती हैं।
1- पृथ्वी पर
कछुए की पृथ्वी पर कुल सात प्रजातियां हैं जो कैम्पस रिडले (Campu ‘s Ridley ), हॉक्सबिल (Hawksbill ), फ्लैटबैक ( Flatback ) ग्रीन ( Green ), लोंगेरहेड ( Longerhead ), लेदरबैक ( Leatherback ) और ओलिव रिडले ( Olive ridley ) ।
2- पृथ्वी और समुद्र में
पृथ्वी और समुंदर में दोनों जगह कछुओं की कुल ३५६ प्रजाति पायी जाती हैं। ये प्रजातियां खारे पानी में भी और मीठे पानी भी फलती-फूलती हैं।
5- कछुए पूरी दुनिया में पाए जाते हैं

कछुए पूरी दुनिया में पाए जाते हैं, ये मीठे जल में, खारे जल में, स्थल पर हर जगह पाए जाते हैं। कछुए केवल पृथ्वी पर अंटार्टिका महादीप में नहीं पाए जाते हैं क्योंकि वहां तापमान बहुत कम होता है और कछुआ ठन्डे खून वाला प्राणी होता है।
6- मौसम के अनुसार बदलता है कवच का रंग

कछुआ जैसे मौसम में रहता है उसी के अनुसार उसके कवच का रंग होता है अगर कछुआ गर्म स्थान पर रहता है तो उसके कवच का रंग हल्का होगा और अगर ठन्डे स्थान पर रहने वाला है तो उसके कवच का रंग गहरा हो जाता है।
7- लम्बे समय तक बिना साँस के रह सकते हैं

कछुए बहुत देर तक बिना साँस लिए ज़िंदा रह जाते हैं जब कछुए अपने कवच के अंदर जाते हैं तो वह पहले अपने फेफड़ों की हवा को बाहर निकाल देते हैं और उस आवाज को अगर आप पास में हो तो सुन सकते हैं।
8- मादा कछुआ देती है एक बार में कई अंडे
मादा कछुआ को जब अंडे देने होते हैं तो वह पहले जमीन में एक गड्ढा खोदती है और फिर इसके बाद उसमे अंडे जिनकी संख्या ३० से भी ज्यादा हो सकती है देकर गड्ढे को मिटटी से ढक देती है और वहां से चली जाती है। अंडे से बच्चे निकलने का समय ९० दिन तक का होता है।
9- कछुआ धीमी गति वाला चौथे नंबर का प्राणी
आप जानते ही हैं कछुआ बहुत ही धीमी गति से चलता है वह धरती पर धीमी गति से चलने के मामले में चौथा स्थान रखता है। २४ घंटे में कछुआ केवल ५ से ६ किमी की दूरी तय कर सकता है। गिनेस बुक रिकॉर्ड के अनुसार एक कछुए की अधिकतम चाल १ किमी प्रति घंटा मापी गयी है। वैसे कछुआ एक बार में २५० से ३०० मीटर तक ही सफर करता है।
10- आमतौर से कछुआ आवाज नहीं निकलता
एक और रोचक एक और रोचक Amazing facts of tortoise वैसे तो कछुआ आमतौर से शांत ही रहता है और उसकी आवाज सुनने को नहीं मिलती है लेकिन जब कछुआ सेक्स करता है तो वह आवाजें निकलता है। जुरासिक पार्क में डायनासोर की जो आवाज आपने सुनी वह कछुए की ही हैं वॉल्यम पर आवाज है।
11- कछुए का कवच होता है बहुत मजबूत

कछुए के पास उसकी पीठ पर एक बहुत मजबूत शेल होता है जो उसकी सुरक्षा के काम में भी आता है जब कछुए को अपने किसी शत्रु से अपनी सुरक्षा करनी होती है तो वह अपने इस कवच में अपने आपको छुपा लेता है और ये कवच इतना मजबूत होता है कि बन्दूक कि गोली भी इसपर बेअसर हो जाती है।
12- कछुए के मुंह में दांत नहीं होते है
कछुए के मुंह में दांत नहीं होते है उसे अपना खाना खाने में किसी भी प्रकार कि कोई परेशानी नहीं होती है और वह खाना खाने के लिए अपनी जीभ का प्रयोग करता है।
13- कछुए के मुंह की पकड़ बहुत मजबूत होती है
कछुए अगर एक बार अपने मुंह से किसी चीज को पकड़ लेता है तो फिर उसका कछुए की पकड़ से छूट पाना बहुत मुश्किल होता है कछुए के दांत न होते हुए भी उसके मुंह की पकड़ बहुत मजबूत होती है।
14- कछुओं को देखकर लिंग पहचान करना कठिन

कछुओं को देखकर उनके नर या मादा की पहचान करना कठिन कार्य है सामान्यता नर कछुओं में उनकी पूंछ लम्बी और मोती तथा मादा कछुओं की पूंछ नर से छोटी और मोती होती है।
15- समुद्री कछुए का कवच संवेदनशील
समुद्री कछुए का कवच बहुत संवेदनशील होता है और ये उसपर हलकी सी खरोंच या रगड़ महसूस कर सकते हैं और ये जमीन पर रहने वाले कछुओं की तरह खतरा होने पर अपने कवच के अंदर नहीं जाते हैं।
16- कछुए कभी भी अपने खोल से बाहर नहीं आ सकते
कछुए कभी भी अपने खोल से बाहर नहीं आ सकते क्योंकि वह अपने खोल के साथ जुड़े हुए होते हैं और जैसे -जैसे इनकी उम्र बढ़ती है शरीर के साथ इनका खोल भी बढ़ता रहता है।
17- कछुए अँधेरे में भी आसानी से देखते हैं
कछुए अँधेरे में भी आसानी से देख लेते हैं ये लाल, पीले, नारंगी प्रकाश को भी देख लेते हैं एक और रोचक Amazing facts of tortoise यहाँ तक की ये अल्ट्रा वॉयलेट किरणों को भी देखने में माहिर होते हैं।
18- कछुए दिमाग अलग करने के बाद भी कुछ समय जीवित रह सकते हैं
अगर हम कछुए के दिमाग को उसके शरीर से अलग कर दें तो उसके बाद भी कछुए की मौत उसी समय नहीं होती है और वह बिना दिमाग के भी ६ महीने तक जीवित रह सकता है।
19- कछुए के शरीर के वजन का ४०% पानी

कछुए अपने शरीर के वजन का ४०% पानी रखता है जब वह जल स्रोतों के पास होता है तो वह काफी मात्रा में पानी पी लेता है जो शुष्क वातावरण होने पर उसके बहुत काम आता है और वह कई दिनों बिना पानी पिए काम चला लेता है।
20- कछुओं की सबसे छोटी प्रजाति
धब्बेदार कछुओं की प्रजाति जो मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका की है सबसे छोटी प्रजाति है इन कछुओं का आकर केवल ३ से ४ इंच और वजन १०० से १६० ग्राम ही होता है।
21- सबसे बड़े कछुओं की प्रजाति
गैलगापोस सबसे बड़े कछुओं की प्रजाति है इस प्रजाति के कछुए बहुत विशाल आकर के होते हैं जो वजन में ४०० किलोग्राम से ऊपर तक होते हैं और आकर में ४ फिट तक हो जाते हैं।
22- जाइंट टोरटॉयज भी बड़े कछुए
उष्ण-कटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले giant tortoise भी बड़े कछुए होते हैं इनके शरीर की ऊंचाई ३५ इंच से ज्यादा और लम्बाई ६० इंच से भी ज्यादा हो जाती है।
23- 23 मई को विश्व कछुआ दिवस

दुनिया भर में कछुओं और उनके लुप्त हो रहे आवासों के प्रति जाकरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल २३ मई को अमेरिका के एक निजी कछुआ प्रेमी संगठन द्वारा कछुआ दिवस मनाया जाता है।
24- कुछ कछुए पक्षी का शिकार भी करते हैं
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आपको जानकर हैरानी होगी गैलापागोस प्रजाति के कछुए पक्षियों का शिकार तक कर लेते हैं इसके लिए वह पक्षी को पकड़कर अपने खोल के नीचे घसीटकर अपने वजन से उसे मार कर खा जाते हैं।
25- सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में कछुए भी

१९६८ में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में 2 कछुए भी गए थे और चन्द्रमा का चक्कर लगाकर आये थे वह जीवित तो लौट आये थे लेकिन उनका वजन १०% कम हो गया था।
26- चाल्स डार्विन के कछुए की मौत
मशहूर वैज्ञानिक चाल्स डार्विन जिन्होंने १८३५ में हैरियट नाम के कछुए की देखभाल की थी उसकी मौत ऑस्ट्रेलिया के एक चिड़ियाघर में साल २००६ में हुई थी और उस समय उसकी उम्र लगभग १७५ साल थी।
27- जोनाथन कछुआ इस समय जीवित सबसे पुराना कछुआ

इस समय पृथ्वी पर जोनाथन नाम का कछुआ सबसे पुराना जीवित कछुआ है इस कछुए को सेंट हेलेना के गवर्नर को अफ्रीका के एक छोटे से द्वीप पर उपहार में दिया गया था उस समय इस कछुए की उम्र ५० वर्ष थी। इस कछुए की लम्बाई ४५ इंच और ऊंचाई २ फिट है। आज इसकी उम्र लगभग १९० साल है और ये धरती पर जीवित सबसे पुराना प्राणी है।
28- कछुए का खोल ६० प्रकार की हड्डियों से बनता है
कछुए का खोल ६० प्रकार की हड्डियों से मिलकर बनता है जो आपस में एक दुसरे से जुडी होती हैं और इन हड्डियों के ऊपर प्लेट्स होती हैं जिससे ये हड्डियां और ज्यादा मजबूती प्राप्त करती हैं।
29- कछुए का खोल तोड़ने के लिए पक्षी अपनाते हैं चाल
जैसा कि आप जानते हैं कि कछुए का खोल बहुत ही ज्यादा मजबूत होता है इतना कि उस पर न तो बन्दूक की गोली असर करती है और न ही मगरमच्छ भी उसके खोल को तोड़ पता है तो चील, बाज जैसे बड़े पक्षी इसके खोल को तोड़ने के लिए एक चाल अपनाते हैं वह कछुए को अपने पंजों में पकड़कर बहुत ऊंचाई पर जाते हैंऔर वहां से उसे पहाड़ी पर छोड़ देते हैं जिससे टकराकर उसका खोल टूट जाता है।
30- बहुत लम्बी उम्र जीते हैं कछुए
कछुए धरती पर रहने वाले अन्य प्राणियों से बहुत ज्यादा लम्बी उम्र जीते हैं कछुए अपनी प्रजाति के अनुसार अपनी अलग-अलग उम्र रखते हैं। कछुओं की उम्र ८० साल से २०० साल तक होती है।
31- शीत- निंद्रा भी करते हैं कछुए
मेढक जैसे जीवों की तरह कछुए भी शीत निंद्रा करते हैं और वह कई महीनों तक बिना खाये-पिए अपने खोल के अंदर बिना-हिले-डुले पड़े रहते हैं।
32- गोल्डन कछुआ

गोल्डन कछुआ एक मात्र ऐसा कछुआ है जो बर्फीली झीलों के नीचे भी तैर सकता है जो ग्रेट लेक क्षेत्र में पाया जाता है।
33- कछुओं में भू-चुंबकीय क्षमता
कछुए नेविगेट करने के लिए पृथ्वी की भू- चुंबकीय क्षेत्र का प्रयोग करते हैं। कछुओं के दिमाग में मैग्नेटाइट जो एक चुंबकीय तत्व है होता है और ये उन्हें चुंबकीय क्षेत्र की और आकर्षित करता है।
34- कछुए के बच्चों के लिंग का निर्धारण तापमान से
जब कछुओं के अण्डों से बच्चे निकलते हैं तो वह मादा होगा या नर ये क्रोमोसोम निर्धारित नहीं करते हैं बल्कि वहां का तापमान निर्धारित करता है। अगर तापमान गर्म होता है ८८ डिग्री फारेनहाइट तक तो अंडे से निकलने वाले बच्चे मादा और तापमान ८२ डिग्री फारेनहाइट के आस-पास तो बच्चा नर होता है। कछुए के बच्चे को हैचलिंग कहते हैं।
35- कछुओं के समूह
जब कई सारे कछुए एक साथ समूह में होते हैं तब उनके समूह को बेल ( Bale ) कहा जाता है।
36- कछुओं के बच्चे

क्या आप जानते हैं कछुए के बच्चों को क्या बोलते हैं तो कछुए के बच्चों को हैचलिंग (Hetchling ) कहा जाता है।
37- कछुए ठन्डे खून वाले सरीसृप
कछुए ठन्डे खून वाले सरीसृप हैं यही कारण है कि कछुए दुनिया में हर जगह पाए जाते हैं लेकिन ये अंटार्टिका महाद्वीप जोकि इनके हिसाब से बहुत ज्यादा ठंडा है ये सिर्फ वहीँ नहीं पाए जाते हैं।
38- कछुए सांप, छिपकली, और मगरमच्छ से भी पुराने
ये रोचक Amazing facts of tortoise कछुए डायनासोर से भी पहले इस धरती पर रह रहे हैं ऐसा वैज्ञानिक मानते हैं। हम आपको बता दें कि कछुए सांप, छिपकली और मगरमच्छ से भी ज्यादा पुराने हैं।
39- मादा कछुआ देती है 30 से भी ज्यादा अंडे
मादा कछुआ एक बार में ३० से भी ज्यादा अंडे दे देती है। वह इसे मिट्टी में एक गड्ढा खोदकर उसमे छुपा देती है और फिर वहां से चली जाती है उन्हें उनके हाल पर छोड़कर। अंडो के समूह को क्लच बोलते हैं।
40- कछुए की कई प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर
बहुत ही अफसोसजनक बात है कि आज कछुओं कि कई प्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं और बहुत प्रजाति लुप्त होने की कगार पर हैं और इसके कई कारण हैं जैसे कछुओं की तस्करी, कछुओं के अंडे की अवैध कटाई और समुद्री प्रदूषण आदि। आज लगभग कछुओं की १२५ से भी ज्यादा प्रजाति लुप्त होने के कगार पर हैं जिन्हें हमें जागरूक होकर बचने की ज़रुरत है।
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